पटना : संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष पद पर रहने न रहने के प्रश्न को किनारे रखते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने मंगलवार को फिर कहा है कि वे जदयू को मजबूत करने के अभियान में जुटे हुए हैं। उन्होंने पार्टी पर अपनी दावेदारी यह कहकर पेश की कि यह किसी एक व्यक्ति की नहीं है। लाखों लोग इससे जुड़े हैं। विधान परिषद की सदस्यता के बारे में कहा- "नीतीश कुमार कहें, हम अभी परिषद की सदस्यता छोड़ देंगे। यह महत्वपूर्ण नहीं है। तीन साल राज्यसभा का कार्यकाल बचा था। मैंने त्याग पत्र दे दिया। केंद्रीय मंत्रिपरिषद से त्याग पत्र दे दिया। ये (विधान परिषद की सदस्यता) क्या है? उन्होंने आगे कहा, ललन सिंह (जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह) ने साबित कर दिया कि जदयू संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष पद झुनझुना है। यह सिर्फ कागज पर है। व्यवहार में कुछ नहीं है। मैं यही तो कह रहा था। हम पार्टी को मजबूत करने के लिए 19-20 फरवरी को बैठक बुला रहे हैं। पार्टी की ओर से कहा जा रहा है कि इसमें शामिल होने वालों पर कार्रवाई होगी। भगवान ही इस पार्टी का भविष्य बता सकते हैं। कल तक पार्टी की ओर से जारी सभी पत्रों में मुझे संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बताया जा रहा था। अब कह रहे हैं कि मैं इस पद पर नहीं हूं।Sabhar/saujany se 

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