प्रशांत किशोर ने सिवान में मीडिया संवाद के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मैं पिछले 140 दिनों से यात्रा कर रहा हूं और महसूस किया है कि बिहार में कुछ समस्याएं राज्य स्तर पर हैं, जिनका हम सभी सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार राज्य की सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी और पलायन है। एक हजार से अधिक गांवों का दौरा करने के बाद, आपको यह समझने के लिए गांव-गांव जाने की जरूरत नहीं है कि राज्य के लोग अपनी आजीविका के लिए चिंतित हैं। यह समस्या सुनने में जितनी बड़ी लगती है, लेकिन जमीनी स्तर पर यह बहुत गंभीर समस्या बनी हुई है। गाँव मे जाने पर आपको छोटे बच्चे, महिला और बुजुर्ग मिलेंगे लेकिन युवा नहीं मिलेंगे। क्योंकि गांव के 40-50 प्रतिशत से ज्यादा युवा राज्य से बाहर जाकर मजदूरी करने के लिए मजबूर है।

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