वैसे तो श्रवण कुमार के बारे में सभी ने सुना है, जिन्होंने अपने नेत्रहीन माता-पिता को कांवर में बिठाकर तीर्थयात्रा कराई थी। लेकिन, कोरोना संकट में इससे उलट एक पिता इस कसौटी पर उतरते नजर आया, जो अपने बेटे को चारपाई की डोली बनाकर कांधे पर उठाकर पैदल ले जा रहा है। कानपुर से गुजरे इस पिता को जिसने भी देखा वह भावुक हो गया। उनकी यह तस्वीर और वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। मध्य प्रदेश के सिंगरौली गांव के राजकुमार लुधियाना में मजदूरी करते थे। लॉक डाउन के चलते रोजी-रोटी की दिक्कत होने पर उन्होंने परिवार सहित फैदल ही घर लौटने का फैसला लिया, लेकिन उनका 15 साल का बेटा बृजेश साथ देने योग्य नहीं था, गर्दन में चोट के कारण वह चलने में असमर्थ है। उन्होंने चारपाई पर रस्सी के सहारे एक बल्ली बांधकर डोली बनाई, जिसपर उसे लिटाकर ले जाने की व्यवस्था बनाई। राजकुमार के अनुसार परिवार के साथ गांव के लोगों को मिलाकर 18 लोग हैं, जो बारीबारी से चारपाई को उठाकर साथ पैदल चलते हैं। 
सभार/सौजन्य से

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