कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में कहर मचा रखा है। अब तक लगभग दो लाख लोगों की इस वायरस के संक्रमण से मौत हो चुकी है। दुनियाभर की रिसर्च लैब इस वायरस का टीका और दवा खोजने में लगी हुई हैं मगर अभी तक किसी को कामयाबी नहीं मिल पाई है। अमेरिका समेत दुनियाभर के तमाम देश जल्द से जल्द इस वायरस का इलाज खोजने में अपनी टीम को लगाए हुए हैं।
वैज्ञानिक दिनरात कोरोना वायरस से बचाव के लिए टीके की खोज में रिसर्च कर रहे हैं। कभी किसी तरह से इलाज करने की बात कही जा रही है तो कभी किसी तरह से मगर किस चीज से इस वायरस का पूरी तरह से खात्मा हो पाएगा ये अभी तक किसी देश के वैज्ञानिक नहीं कह पाए हैं। अब देखना ये है कि वैज्ञानिक इस वायरस की काट के लिए टीका कब तक खोज लेते हैं।
खैर इस बीच वैज्ञानिकों की एक टीम ने ये पहचान करने में जरूरी कामयाबी हासिल कर ली है कि वायरस किस तरह से नाक के रास्ते हमारे शरीर के भीतरी अंगों में प्रवेश करता है और नुकसान पहुंचाना शुरू करता है। ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने इसका पता लगा लिया है। वैज्ञानिकों को नाक में उन दो खास प्रकार की कोशिकाओं (सेल्स) की पहचान करने में बड़ी सफलता हाथ लगी है, जो संभवत: कोरोना वायरस से सबसे पहले संक्रमित होती हैं। ये कोशिकाएं शरीर में कोरोना के दाखिल होने के लिए प्रवेश द्वार के तौर पर काम कर सकती हैं।
सभार/सौजन्य से

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