कटरा : त्रिकुटा पर्वत पर विराजमान मां वैष्‍णो देवी की यात्रा के प्रति श्रद्धालुओं की आस्‍था लगातार बढ़ती जा रही है। इसके बावजूद व्‍यवस्‍था ऐसी है कि अब न लंबी कतारें दिखती हैं और न कोई झंझट। हेलीसेवा, बैटरी कार और रोपवे के रोमांच ने इस यात्रा को और भी सुगम व मनभावन बना दिया है। यही वजह है कि इस वर्ष 85 लाख के करीब श्रद्धालु मां के भवन में शीष नवाने पहुंच रहे हैं और यह पांच सालों का रिकॉर्ड है।
एक घंटे में 1500-दो हजार श्रद्धालु करते हैं दर्शन
नया रास्‍ता खुलने से यात्रा का आकर्षण काफी बढ़ गया है। इस समय भी 25 से 30 हजार श्रद्धालु प्रतिदिन मां के दरबार में पहुंच रहे हैं। यूं कहें कि एक घंटे में 1500 से करीब दो हजार श्रद्धालु मां के दरबार के दर्शन पाते हैं। यात्रा की बढ़ती गति का अनुमान इससे भी लगाया जा सकता है कि कभी तीन दिन की यात्रा अब कुछ घंटों में पूरी कर श्रद्धालु लौट रहे हैं। बस आवश्‍यक है कि आपकी तैयारी पूरी हो।

उम्रदराज लोग भी आसानी से कर पाते हैं दर्शन
देशभर के विभिन्‍न राज्‍यों से श्रद्धालु अधिकतर रेल व हवाई मार्ग से ही जम्‍मू पहुंचते हैं। कटरा के रेलमार्ग से जुड़ने के बाद अधिकतर यात्री सीधे कटरा ही पहुंचना पसंद करते हैं। उसके बाद कटरा से हेलीकॉप्टर सेवा या फिर बैटरी कार सेवा से दरबार में तेजी से पहुंच जाते हैं। इसका ही असर है कि उम्रदराज व शारीरिक रूप से सक्षम लोग भी आसानी से दर्शन कर पाते हैं। वैष्णो देवी मंदिर से भैरो घाटी के मध्य पैसेंजर केबल कार शुरू होने के बाद तो अब भैरो घाटी में भी भक्तों की भीड़ बढ़ रही है। पौराणिक मान्‍यता के अनुसार, भैरो दर्शन के बिना मां वैष्‍णो देवी यात्रा को पूर्ण नहीं माना जाता है। अभी तक कुछ फीसद लोग ही, वहां दर्शनों के लिए जा पा रहे थे।
यूं बढ़ती गई यात्रा मार्ग पर सेवाएं
करीब दो दशक पहले तक श्रद्धालुओं को वैष्णो देवी के दर्शनों के लिए कठिन चढ़ाई का सामना करना पड़ता था। इस तरह श्रद्धालुओं को कटरा से आगे भवन तक यात्रा पूरी करने के लिए करीब दो दिन का समय लगता था। उससे पूर्व श्रद्धालु रेलमार्ग तक जम्मू पहुंचते थे। वहां से निजी टैक्सी या फिर बसों में बैठकर आधार शिविर कटरा पहुंचना होता था। उसके बाद पैदल या फिर खच्‍चर पर भवन तक पहुंचते थे। समय के साथ ही केंद्र सरकार और श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने साल दर साल विभिन्न प्रकार की परियोजनाओं की शुरुआत की, जिसका वर्तमान में श्रद्धालु लाभ उठा रहे हैं और वैष्णो देवी यात्रा भी पूरी तरह से आसान हो गई है।
कटरा रेलवे सेवा से जुड़ने से अब यह मशक्‍कत काफी कम हो गई है। उसके बाद नए मार्ग पर सुविधाएं भी बढ़ी हैं और यात्रा काफी सुगम हो गई है। केंद्र सरकार ने इसका दायरा बढ़ाकर आधार शिविर कटरा तक कर दिया। वर्ष 2014 में श्रद्धालु रेल द्वारा आधार शिविर कटरा सीधे पहुंचने लगे। यह रेल सेवा देश के विभिन्न प्रांतों से जुड़ी हुई है। जिनमें पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कन्याकुमारी, अगरतला, असम, महाराष्ट्र, गुजरात आदि प्रमुख हैं। ऐसे में रेलसेवा से श्रद्धालु सीधे आधार शिविर कटरा पहुंच रहे हैं।
(सभार/सौजन्य से)

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